
एक वीडियो, एक नाम, और तीन धमाकेदार टारगेट्स—अलकायदा के नए कमांडर साद बिन आतिफ के बयान ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। क्या यह 9/11 के दोहराव की साजिश है या सिर्फ एक साइकोलॉजिकल वॉर?
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“जहां दिखे, वहीं खत्म कर दो” – अलकायदा की सीधी धमकी
साद बिन आतिफ ने अपने वीडियो में डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, और एलन मस्क को नाम लेकर जान से मारने की धमकी दी है। वीडियो में कहा गया है कि “अब अमेरिका में कोई भी सुरक्षित नहीं है।” वीडियो न केवल धमकी है, बल्कि अमेरिका के खिलाफ खुली जंग का ऐलान भी।
सिर्फ प्रोपेगेंडा नहीं, इंटेलिजेंस एजेंसियों की माने तो…
FBI, CIA और डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि अलकायदा जब नाम लेकर धमकियां देता है, तब खेल बहुत आगे बढ़ चुका होता है।
सूत्र बताते हैं कि आतिफ यमन में ऑपरेट कर रहा है और उस पर $6 मिलियन का इनाम घोषित है।
वीडियो में क्या कहा आतिफ ने?
वीडियो में आतिफ ने कहा:
“हमारे पास अब इतने गुप्त स्लीपर सेल हैं कि अगर हम चाहें, तो इन तीनों को कहीं भी मार सकते हैं।”
उसने अमेरिकी मुसलमानों से अपील की कि “अब जिहाद करना फर्ज़ है” और “फिलिस्तीन के नाम पर अमेरिका के नेतृत्व को सबक सिखाओ”।
क्यों है यह धमकी ज़्यादा खतरनाक?
यह धमकी महज़ बयान नहीं—बल्कि एक सुनियोजित ऑपरेशन की झलक देती है:
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अलकायदा कमांडर के मुंह से सीधे नामों का ज़िक्र
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टारगेट्स में राजनेता और अरबपति शामिल
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अमेरिकी मुसलमानों को एक्टिव करने की अपील
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स्लीपर सेल एक्टिवेशन की आशंका

व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया: “हम डरते नहीं, लेकिन सतर्क हैं”
अमेरिकी प्रशासन ने बयान जारी किया:
“हम किसी भी आतंकी धमकी से नहीं डरते। लेकिन नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
इन बयानों के बावजूद, अंदरखाने में चिंता की लहर है—क्योंकि इस बार निशाना कोई बिल्डिंग नहीं, बल्कि अमेरिका का टॉप लेवल पावर स्ट्रक्चर है।
क्या अलकायदा फिर से उठ खड़ा हुआ है?
सवाल यह नहीं कि धमकी आई है—सवाल यह है कि क्या 9/11 के बाद मरा समझा गया अलकायदा, अब नए चेहरे के साथ लौट रहा है?
साद बिन आतिफ का यह वीडियो बताता है कि AQAP (अरब पेनिंसुला विंग) अब केवल मिडल ईस्ट में सीमित नहीं है—उसका एजेंडा इंटरनेशनल हो चुका है।
एलन मस्क क्यों निशाने पर?
एलन मस्क कोई राजनेता नहीं, लेकिन अलकायदा की आंखों में खटक रहे हैं। कारण?
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उनके Starlink और AI टूल्स को खुफिया ऑपरेशन्स से जोड़कर देखा जा रहा है।
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वे इसराइल के पक्ष में माने जाते हैं।
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अरब वर्ल्ड में उन्हें “तकनीकी हस्तक्षेप” के रूप में देखा जा रहा है।
यह धमकी मज़ाक नहीं, चेतावनी है
अलकायदा अब ट्विटर पर ट्रेंड नहीं कर रहा, वो खूनी एजेंडे के साथ मैदान में लौटने का दावा कर रहा है। अमेरिका के लिए यह सिर्फ सुरक्षा का मामला नहीं, बल्कि एक नया साइकोलॉजिकल और इंटेलिजेंस वॉर है, जिसमें निशाने पर सबसे हाई-प्रोफाइल चेहरे हैं।
